शुक्रवार, 25 जून 2021

उसका दिल भी मेरे नाम से धड़कता था

मेरे मेहनत के पसीने में 
वो खुशबू थी 
जो मेरी तक़दीर गढ़ रही थी
और मेरे शरीर के ताप में 
वो फ़जा थी 
जो मुझसे इश्क कर रही थी

तक़दीर ऐसी थी कि
कामयाबी आसमान छू रही थी
और फज़ा ऐसी थी कि
इश्क बेइंतहा प्यार कर रही थी

मै भी मर मिटा था अब उसपे 
उसकी एक एक मैसेज का इंतजार करता था
वो भी करती थी प्यार इतना 
कि उसका दिल भी मेरे नाम से धड़कता था

#बेढँगा_कलमकार
✍  इन्द्र कुमार  (इ.वि.वि.)

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