ख़ामोशी छायी है कैसे ,जिन्दगी तेरे उल्फत में
नज़र आती नहीं कैसे, कामयाबी तेरे उल्फत में
ज़िन्दगी जो मेहनत करके बितायी थी उसने तो
आज फ़िर
ख़ामोशी छायी है कैसे, ज़िन्दगी तेरे उल्फत में
कुछ तो सुझाव दे ,कहीं भ्रम तो नहीं है
और जिसे कामयाबी समझा, बहम तो नहीं है
उसे और पसीने नहीं बहाने पड़ेंगे , तो बता दें
आज फ़िर
ख़ामोशी छायी है कैसे, ज़िन्दगी तेरे उल्फत में
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
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