मंगलवार, 4 मई 2021

!! शासक(कोरोना)जहान का!!

जब था साल उन्नीस

अफ़रा तफ़री हेतु बचने 

नहीं दिया खबर चीन 

करा रिसर्च अन्दर ही अन्दर 

हुआ विवश, लीक हुई खबर 


चमगादड़ या फ़िर माँस से 

लगाते अनुमान बुहान के 

देते नसीहत, डाक्टर गण को 

करते आइसोलेट संक्रमित जन को


था जो अब तक बुहान का 

बन बैठा शासक जहान का


अब साल था बीस 

जब दुनिया हुआ सील 

हुआ बुखार, आता छिक 

बदन दर्द ,सास लेने मे तकलीफ


नाम कोरोना फ़ैलाता दहसत 

सुना खबर, पहुंचाया जन-जन 

माना था अफ़वाह जिसे

झेलत है सारा संसार उसे


था जो अब तक बुहान का 

बन बैठा शासक जहान का


बढे़ संक्रमितो की संख्या 

शुरु हुआ मौत का तांडव 

चिरितार्थ हुआ तब शब्द एक 

नाम लाॅकडाउन कहते अनेक 


तब फ़ैला खौफ़नाक सन्नाटा 

चिरते कभी आरक्षी के मोटर 

एहसास कराती सूरज की किरण

मिलती रात गुप, कब्रिस्तानी सूरत


था जो अब तक बुहान का 

बन बैठा शासक जहान का


जन्म बुहान,

बन्द सारा जहान हुआ 

लिया रुप महामारी का, 

सड़के बन्द , 

दफ़तर बिरान हुआ 


दुकान खाली हुए 

आते एका-दूक्का नजर 

लगाये मास्क सड़को पर

हुआ खाली शहर 

ऊँची-ऊँची इमारते 

पलायन करते फ़िर सब


था जो अब तक बुहान का 

बन बैठा शासक जहान का


#बेढँगा_कलमकार 

✍  इन्द्र कुमार  (इ.वि.वि.)

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