अब हिचकिया आने लगी है
क्या मुझे वो याद करने लगी है
मिला तो एक बार ही था
क्या वो मुझे प्यार करने लगी है
कि
क्या उसे ख़त लिखा जाये
सज सवर कर मिला जाये
कि और भी कर दूँ दूरिया कम
बैंड-बजे और बारात के साथ मिला जाये
कि बेकरारी सताने लगी है
मुझे भी उसकी याद आने लगी है
अब ये दूरिया और न सहा जाये
मुझे भी उसपे तरस आने लगी है
कि
मोहब्बत की जाल फ़ेकना पड़ेगा
उसे भी ये दर्द झेलना पड़ेगा
वो चाहती है बराबरी का शगुन
तो लगता है मुझे भी IAS बनना पड़ेगा
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
Very nice ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
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