शनिवार, 12 जून 2021

पुरा चैन करार ले गयी

 फ़रिश्ते तो बहुत देखे है जिंदगी में 

पर आप जैसा फ़रिश्ता नहीं देखा 

जो आयी तो जिन्दगी मे मेरे 

पर गयी तो पुरा चैन करार ले गयी 


मनता हूँ , मजबूरी होती है 

पर इतना भी नहीं 

कि बात करना छोड़ दो 

कह क्यूँ नहीं देती 

कि मिल गया है दूसरा कोई 

मुझे एतराज नहीं होगा 

पर एसी भी क्या मजबूरी थी 

कि सत्य बोलना छोड़ दो


हा पता है हमे कि भुलना पड़ेगा तुम्हें 

तो क्या प्यार करने से पिछे हट जाउ 

अरे जला - तपा हूँ, इतने दिनों से 

अब कहती हो छोड़कर चला जाउ 


#बेढँगा_कलमकार 

✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)

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