आज की शाम रंगीन होगी कि नहीं
हमे फ़र्क नहीं पड़ता
फ़र्क तो बस उससे पड़ता है कि
तुम मेरे साथ नहीं हो
रोने का भी दिल करे तो क्या फ़र्क पड़ता है
फ़र्क तो तब पड़ता है जब आँखो से
आँसूओ कि बरसात न हो
#बेवफ़ा_सनम
सारी बात बिगड़ जाती है
मैसेज से
सारी रात बीत जाती है
मैसेज से
अजीब लगाव है ये दुनिया तुझसे
बात बिगडे़ या फिर रात बीते
फ़िर भी इंतजार रहता है
एक मैसेज के
#बेवफ़ा_सनम
बस शुरू कैसे करू.. यही बात
उसे सताती थी
दिल्लगी की थी उसने.. यही बात
उसे सताती थी
न करता वो एक भी मैसेज..
वक्त बितता जा रहा था
बस यही इंतजार..
उसे सताती थी
...क्यूँ...
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
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