रविवार, 4 जुलाई 2021

छीन न खुशी, मेरे प्यार की

मेरा गुनाह बस इतना था कि 

वो जानती थी

मोहब्बत है उससे यह बात 

वो मानती थी 

हा कुछ समाज का 

लिहाज़ करती थी 

नही तो इजहार करना 

वो भी जानती थी


हा वो करती है अब भी दुआ ख़ुदा से

मिल जाएं वो अगर हो नसीब में 

चाहे दे दे सज़ा उम्र कैद का 

पर छीन न खुशी मेरे प्यार की


#बेढँगा_कलमकार 

#प्यारी_गुड़िया (A) 

✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)

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