मेरा गुनाह बस इतना था कि
वो जानती थी
मोहब्बत है उससे यह बात
वो मानती थी
हा कुछ समाज का
लिहाज़ करती थी
नही तो इजहार करना
वो भी जानती थी
हा वो करती है अब भी दुआ ख़ुदा से
मिल जाएं वो अगर हो नसीब में
चाहे दे दे सज़ा उम्र कैद का
पर छीन न खुशी मेरे प्यार की
#बेढँगा_कलमकार
#प्यारी_गुड़िया (A)
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
शुक्रिया 💗