खूब सूरत वो पल आज भी याद आते हैं
वो तस्वीर वो बीते कल आज भी याद आते हैं
खुदा से मन्नत में ख्वाहिश तो बहुत की
पर मिली न वो मन्नत जो आज भी याद आते हैं
गुजरते जा रहे है एक एक पल
बीते कल में सब तब्दील होते जा रहे हैं
रोके रुके न , करू प्रयास असफलता हाथ आते
कैसे मनाऊं दिल को जो आज भी याद आते हैं
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
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