गुरुवार, 5 अगस्त 2021

कैसे मनाऊं दिल को जो आज भी याद आते हैं

खूब सूरत वो पल आज भी याद आते हैं 

वो तस्वीर वो बीते कल आज भी याद आते हैं

खुदा से मन्नत में ख्वाहिश तो बहुत की 

पर मिली न वो मन्नत जो आज भी याद आते हैं


गुजरते जा रहे है एक एक पल 

बीते कल में सब तब्दील होते जा रहे हैं 

रोके रुके न , करू प्रयास असफलता हाथ आते 

कैसे मनाऊं दिल को जो आज भी याद आते हैं


#बेढँगा_कलमकार

✍  इन्द्र कुमार  (इ.वि.वि.)

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