आज रुलाती है
मुझे इश्क
हा सताती है
मुझे इश्क
तू ठीक कहता था
मेरे यार
वो छोड़कर
चली जायेगी
एक दिन ,
हा वो चली गई
इश्क बहुत सताती है
मेरे यार
इश्क बहुत रुलाती है
मेरे यार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
सजीव तस्वीर, वो नज़र, काजल, बिंदियां कमाल की थी मुस्कुराता चेहरा, छिपी उसमें गुनेहगार भी थी दी थी जख्म, दर्द नहीं कराह थी, शिथिल पड़े एहस...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
शुक्रिया 💗