शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

मोहब्बत की फरमाइश जो की थी तूने ।। पूरी कर दी जाएंगी , जरा चांदनी रात आने दो

ढल रहा है दिन जरा शाम आने दो

मिलूंगा उसी चांदनी चौक चौराहे पर जरा इंतजार कर 

और 

मोहब्बत की फरमाइश जो की थी  तूने 

पूरी कर दी जाएंगी , जरा चांदनी रात आने दो 


कुछ पहलूवो पर राज़ है , पर्दा उठाना है

और खोए हैं जो अब तक स्वप्न में , उनको जगाना हैं 

और ख्वाब जो है , कुछ कर दिखाने की 

राह पर प्रशस्त कर उन्हें , हकीकत बनाना है


#बेढँगा_कलमकार

✍  इन्द्र कुमार  (इ.वि.वि.)

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