कहानी थी बेबसी की
एक लड़का एक रेवती की
इश्क में खो चुके थे इतने
बेखबर थे हर परेशानी की
दास्तां है मौन कमरे की
बंद खिड़की की कवाड़ी की
शख्स ने अवरुद्ध कराया है
खुश जिंदगी की रवानी की
अंजान मोड़ जिंदगी की
बेखौफ शहर दीवानी की
मुमताज थी अली की
भौरों को खबर थी कली की
प्रेम लीला गुल फुलवारी की
नव पल्लव संस्कारी की
कहानी थी बेबसी की
एक लड़का एक रेवती की
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
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