किसी की याद बुलाती है
दिले आवाज बुलाती है
कि चले आओ गांव से शहर
इलाहाबाद बुलाती है
मेरा मन माने ना
दिल तेरे बिन लागे ना
कब तक रहोगे गांव में
अब इलाहाबाद चले आओ ना
आखों में उतर आओ तुम
ख्वाबों में चले आओ तुम
बड़े दिन हो गए गांव में
अब शहर चले आओ तुम
एक दिल है जो रोज रोता है
याद में, प्यार में, इंतजार में
भूल क्यूं गए हो शहर भला
पहर भर के लिए नजर आओ तुम
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)
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