शनिवार, 30 अप्रैल 2022

जोगी की बिजली भी बेवफा हो गई

वो इलाहाबाद की गंगा होती 

तो मैं भी उसका घाट हो जाता


गर्मी को भी हंस के सह लेता 

भले पारा सौ के पार हो जाता


बिजली ने दिल तोड़ दिया

तो सब ने पसीना छोड़ दिया


जनरेटर पर भरोसा था

तो डीजल ने रिकॉर्ड तोड़ दिया


गर्मी में निकलना सपना हो गई 

इग्लू , इस्पात कारखाना हो गई 


सोनम तो बेवफा थी ही 

पर जोगी की बिजली भी बेवफा हो गई


#बेढँगा_कलमकार 

✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)

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