रविवार, 24 अप्रैल 2022

छोड़ कर जाती है तो छोड़ों जाने दो ।। तुम दूसरी को तलाशो

तुम्हे इश्क की नजर लग गई 

खुद को सम्हालो 


बेहतर की तलाश में

खुद के दिन गुजारो 


छोड़ कर जाती है तो छोड़ों जाने दो

तुम दूसरी को तलाशो 


देखते नही,

महंगाई बढ़ गई


उसके खर्चे बढ़ गए 

शाम के नखरे बढ़ गए 


झेलते हो कैसे

जब गैरों से रिश्ते बढ़ गए


नजरे औरों से लड़ाती है

तो लड़ाने दो 


छोड़ कर जाती है तो छोड़ों जाने दो

तुम दूसरी को तलाशो


#बेढँगा_कलमकार 

✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)

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