गुरुवार, 30 जून 2022

दिल एक ही है कितनी बार तोड़ोगे

न जाने किस चीज की 

नशा करती हैं वो


कोई तो पूछो 

अब उनसे


रोज़ किस किस से 

फंसा करती हैं वो


दिल को खिलौना बना रखा है

जब चाहे तोड़ देते हैं


कदर कितनी भी करू उनकी 

जब मन आए छोड़ देते हैं


बस करो यार 

दिल एक ही है कितनी बार तोड़ोगे


थक गया हूं यार 

अब कितनी बार छोड़ोगे


#बेढँगा_कलमकार 

✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)

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