गुरुवार, 7 जुलाई 2022

कोई है खूबसूरत सी एक दिन देखा था

किसी की आखें नसीली थी 

चेहरे पर परदा था


कोई है खूबसूरत सी 

एक दिन देखा था 


मांगा था दुआ में

खुदा ने दुआ कबूला था 


कोई शर्त न था 

जैसी थी वैसे ही चाहा था


मुकम्मल बातें, मुलाकाते होती 

ऐसा सबको लगता था


पर सारी बाते जो थी 

मात्र रात्रि की एक सपना था


#बेढँगा_कलमकार 

✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)

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