तुम कुछ कहो या ना कहो
सारी इशारे हम भी समझते हैं
मेरा हाल न पूछो मेरे रह गुजर
हम भी इन्हीं हालातों से गुजरे हैं
व्याकुल भरे नजरों से देखती हो तुम
बिन मुख खोले, बेबसी कहती हो तुम
छुपाएं न छुप रही है, पता है हमें
बिन बताए जो कुछ कहती हो तुम
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)