तेरे इश्क में आबाद हुएं बर्बाद हुएं
लूटें है फिर भी दिल तेरे नाम किए
आज देकर ज़ख्म भले तुम भूल गए
पर हम तो हर रोज़ , तुम्हें हैं याद किए
आज तेरे नाम एक खत लिखे
खत को प्रेषित तेरे पते पर किए
पर हद तो तब हो गई
जब पता चला , पता गलत कर दिए
समझ गए हम भी अब अंजान हुए
गलती है जो कुछ दिनों से न बात किए
अब संदेश भी गलत जगह पहुंचती है
कैसी है ये मोहब्बत , किससे हैं प्यार किए
#बेढँगा_कलमकार
✍ इन्द्र कुमार (इ.वि.वि.)